среда, 4 января 2012 г.
जापानी कवि ज्यून तकामी की कुछ कविताएँ
(रूसी भाषा से अनूदित)
1. रचनात्मकता
बादलों को कौन चलाता है
धकेलता है कौन उन्हें
हवा के सिवा?
पर हवा को कौन देता है गति
कोई तो होगा ?
कौन है जो चुपचाप पेड़ों को लादता है फलों से
कौन है जो मुझसे लिखवाता है कविता
कोई तो होगा ?
क्या एक ही है यह 'कोई तो' ?
जो फलों से लाद देता है पेड़ों को
और हवा को देता है गति
गति देने वाले इस 'कोई तो' को
और फल लादने वाले इस चुप्पा को
अब महसूस कर रहा हूँ मैं
अपने मन के भीतर गहरे कहीं ।
2. हर टहनी पर एक फूल
झपकी आ गई
और मैंने देखा एक सपना
हर पेड़ की
हर टहनी पर
खिला हुआ है एक फूल
जैसे खिला हो मन
इस दुनिया में
हर किसी का
3. अनुभव
मैं लेटा हुआ था
औ' दीवार पर लगे आईने में
झलक रहा था बग़ीचा
तभी कोशिश की मैंने
यह देखने की—
कैसे समा जाती है हरियाली
इस आईने में
अचानक
आकाश की चमक से
मेरी आँखें चौंधियाईं
और मुझे चक्कर आने लगा
मेरी जान निकल गई
सिर घूम रहा था
और बेतहाशा
दर्द हो रहा था मेरे सिर में
4. ताज़ा हरियाली
एक बार
खिड़की से
बग़ीचे में झाँकते हुए
अचानक मैंने छू लिया
कुछ जीवों का
जीवन ।
5. ठकठकाहट
ठक ! ठक ! ठक !
वैद्य बजाता है उँगलियाँ
मेरी छाती पर
और पूछता है रहस्य मेरी देह का
ठक ! ठक ! ठक !
मेरी छाती घरघराती है
और बताती है रहस्य मेरे गेह का
ठक ! ठक ! ठक !
मन होता हूँ
मैं भी खटखटाऊँ किसी का दिल
जो खोल दे अपना मन मेरे लिए ।
6. टहनियों की कँपकँपाहट
वहाँ
शिखर पर
थरथरा हैं पत्तियाँ
जैसे काँप रही हों हवा में
या हो सकता है
आ बैठा हो कोई पक्षी
उनकी छाया में
कोमल टहनियों की यह
अनायास धुकधुकी
आतंक और आवेश से
काँपता है मेरा मन
7. कुकुरमुत्ता
बारिश के
दिन थे
मौसम
साफ़ हुआ जब
कवि-पत्नी मुझे देखने आई
अख़बार के लिफ़ाफ़े में
कुकुरमुत्ते लाई
कवि-पत्नी
चित्रकार-पत्नी
एलेन फ़ुरमान की तरह थी
जैसा रुबेन्स ने उसे रचा है चित्रों में
और
कुकुरमुत्ते
कुकुरमुत्तों की तरह
8. अविचल पेड़
बहते समय के पार
समय शाश्वत दिखाई देता है
बहते बादलों के पार
नीला आकाश
बादल चलते रहते हैं
आकाश रहता अचल
हवा चलती रहती है
पेड़ अविचल
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